Tuesday, August 14, 2007

बाल ठाकरे की सींगें

डायरी

बाल ठाकरे की सींगें

आजादी प्राप्त होने की साठवीं वर्ष गााँठ की पूर्वसन्ध्या पर शिवसेना के सिपाहियों ने आउटलुक के दफ्तर पर हमला किया और काफी नुकसान पहुँचाया। यानि कि स्वतंत्रता के साथ बलात्कार। बात केवल इतनी थी कि इस साप्ताहिक पत्रिका ने खलनायक नाम से छपे एक लेख में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे का जिक्र किया था। उसमें एक कार्टून भी था जिसमें बाल ठाकरे को हिटलरी अंदाज में दिखाया गया था। बस लगता है कि पुराने कार्टूनिष्ट को अपना यह कार्टून पसंद नहीं आया। उनके गणों ने आउटलुक आफिस में पहुँच कर हंगामा किया और तोड़फोड़ की। लगता है तिनका कहीं दाढ़ी में उलझ गया था।

फिलहाल आउटलुक में प्रकाशित बाल ठाकरे की नन्ही सी प्रोफाइल देखिये:

''इस पूर्व व्यंगचित्रकार और शिवसेना प्रमुख ने लोकतांत्रिक राजनीति को अपने कामकाज की शैली और बड़बोलेपन से एक बेहूदा मजाक बनाकर रख दिया है। सबसे पहले मुम्बई में रहने वाला दक्षिण भारतीय उनकी नफरत का पात्र बना, उसके बाद उनकी यह नफरत मुसलमानों के लिए हो गई।''

इत्यलम्।

पर इतना भी किसी को बर्दाश्त कैसे हो सकता है। विशेषकर जब वह सत्ता और शक्ति के मद में चूर हो। अब यह तो पूछा ही जा सकता है कि क्या हिटलर के सींगें थी?

जी नहीं साहब। उसकी भी पहचान अपने सैनिकों की कारस्तानियों से होती थी।

1 comment:

Ram Krishna Singh said...

Shiv Sena has already become a fascist force out to demean the culture of tolerance that the Hindu faith stands for. Mulayam Singh Yadav, ex-CM of Uttar Pradesh, was right in his view that the sena is one of the ten heads of RSS.
What worries me most is the institutionalisation of Shiv Sena (and Bajrang Dal, VHP, RSS and all that) as a new Taliban force challenging all the positive qualities that Hinduism has stood for since ages.
R.K.SINGH